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What is mandatory in the process of facilitated diffusion?

A
Presence of concentration gradient

B
A carrier protein

C
A hydrophilic moeity

D
All of the above

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Found 7 tutors discussing this question
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6 mins ago

Text SolutionText solutionverified iconVerified

Movement of hydrophilic moiety substance is facilitated by aquaporin and ion channels, which is the constituent of cell membranes. They plays a role in passive transport of water soluble substances and do not set up a concentration gradient. Hence, diffusion of hydrolphilic substances along the concentration gradient through transporter carrier protein, with no energy involvement is termed as facilitated diffusion.
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Question 1
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134 काठ 10 उत्तर- तोरई की फसल की बुआई का विस्तृत विवरण अथवा कद्दू (कूष्माण्ड) वर्गीय सब्जियों की खेती कद्दू वर्ग की सब्जियाँ कुकुरबिटेसी कुल के अन्तर्गत आती हैं। इस कुल में तरबूज, खरबूजा, फूट, ककड़ी, टिण्डा, लौकी, खीरा, आरातोरी, नेनुआ, चिकनी तुरई, करेला, काशीफल, छप्पन कद्दू, पेठा आदि सब्जियाँ आती हैं। इनकी खेती प्रायः समान प्रकार से की जाती है। तोरई भी इसी कुल में आती है। इनकी खेती का वर्णन निम्न बिन्दुओं में किया गया है- (1) मृदा एवं जलवायु (Soil & Climate) - इन सब्जियों को सभी प्रकार की मृदाओं में उगाया जा सकता है फिर भी दोमट तथा बलुई दोमट मृदा इनके लिए विशेष रूप से उपयुक्त पायी गई है। मृदा में जैविक पदार्थ पर्याप्त मात्रा में होना चाहिए तथा जल निकास का समुचित प्रबन्ध होना चाहिए। इनकी खेती नदियों के किनारे भी की जाती है। मृदा का पीएच मान 6-8 के मध्य होना चाहिए। मुख्य रूप से कद्दू वर्गीय सब्जियाँ गर्म जलवायु की फसलें हैं। इनमें ज्यादा ठंड व पाला सहन करने की क्षमता नहीं होती है। इनकी खेती के लिए सर्वाधिक तापमान 40 डिग्री से. तथा न्यूनतम 20 डिग्री से. है। खीरा, लौकी तथा कद्दू के लिए उपयुक्त तापमान 20 से 25 डिग्री से. है जबकि खरबूज व तरबूज के लिए 40 डिग्री से. एवं इससे अधिक तापमान साथ ही तेज धूप तथा शुष्क मौसम फलों में मिठास बढ़ाने में सहायक सिद्ध होता है। तरबूज और खरबूज में फल पकते समय वर्षा होने पर स्वाद में फीके हो जाते हैं। टिण्डा, फूट, ककड़ी व लौकी बरसात के मौसम में भी लगाये जाते हैं। (2) बुआई का समय (Time of sowing) - तरबूज, खरबूज व ककड़ी की बुआई फरवरी-मार्च में की जाती है। वहीं तुरई, खीरा, लौकी, कद्दू, करेला तथा टिण्डे की ग्रीष्मकालीन फसल के लिए बुआई फरवरी- मार्च में तथा वर्षाकालीन फसल के लिए जून-जुलाई में करनी चाहिए। नदी तट पर बुआई का उत्तम समय नवम्बर से फरवरी के मध्य रहता है। बीज को अंकुरण के उपयुक्त तापमान पहुँचाने के लिए गोबर की खाद डालकर तापमान में वृद्धि कराते हैं तथा पाले से बचाने के लिए की दीवार बनाई जाती है। तोरई के लिए 4-5 किग्रा. बीज प्रति हेक्टेयर की आवश्यकता होती है। कतार की पौधों से दूरी 1.0x0.6 लिए पौधे के चारों तरफ कूचे मी. होनी चाहिए। संजीव पासबु • विभिन्न सब्जियों के लिए बीज दर व दूरी (Seed rate and distance) - सब्जी लौकी कद्दू करेला तरबूज खरबूज तुरई खीरा बीज दर किग्रा./हैक्टेयर दूरी (कतार x पाँध) 2.5-3 X 0.75 मी 3.4 x 1.25 ककड़ी टिण्डा 4-5 4-5 4-5 4.5-5 1.5-2 4-5 2-2.5 2 4.5 1.25 x 0.50 मी. 2.5x1.00 मी. 20x0.6 मी. 1.0x0.6 मी. 1.5x0.5 मी. 2.5 x 0.5 मी. 2.0 x 0.75 (3) खाद एवं उर्वरक (Manure and fertilizer) - गोबर की सडी खाद/वर्मी कम्पोस्ट 20-25 तैयार करते समय अच्छी तरह मिला देते हैं। इसके अलावा टन हेक्टेयर खेत में बीज बोने के 3-4 सप्ताह पहले भूमि 50 कि.ग्रा. नाइट्रोजन, 30 कि.ग्रा. फॉस्फोरस और 30 कि.ग्रा. पोटाश प्रति हेक्टेयर की दर से आवश्यकता पड़तो है। देशी खाद, फॉस्फोरस व पोटाश की पूरी मात्रा तथा नत्रजन की 1/3 मात्रा अर्थात् 30 कि.ग्रा. नत्रजन बुआई के को दो बराबर भाग में बाँट कर टॉप ड्रेसिंग (खड़ी फसल समय भूमि में मिला कर देवें तथा शेष नत्रजन की मात्र में) के रूप में प्रथम बार बुआई के 25 से 30 दिन बाद व दूसरी बार फूल आने के समय देना चाहिए। में नमी की पर्याप्त मात्रा रहने पर ही करनी चाहिए जिससे बीजों का अंकुरण एवं वृद्धि अच्छी प्रकार हो। वर्षाकालीन (4) सिंचाई (Irrigation)-बीज की बुआई खेत केवल लम्बे समय तक वर्षा न होने पर ही सिंचाई करनी चाहिए। औसतन गर्मी की फसल में 4-6 दिन के अन्तराल फसल के लिए सिंचाई की विशेष आवश्यकता नहीं पड़ती। होने के बाद पानी देने की आवश्यकता नहीं पड़ती है। पर तथा जाड़े की फसल को 10 से 15 दिन पर पानी देना चाहिए। खरबूज और तरबूज की फसल में फलों की बढ़वार (5) पौधों को सहारा देना (Staking ) - 7. ग्रीष्मकालीन कद्दू वर्गीय सब्जियों में साधारणतया सहारा जैसे-लौकी, तुरई आदि में फलों को सड़ने से बचाने के देने की आवश्यकता नहीं पड़ती लेकिन वर्षाकालीन फसलों, लिए बेलों को किसी मचान या अन्य से सहारा देने पर उनकी बढ़वार और उपज पर बहुत अनुकूल प्रभाव पड़ता है। 5. 6. X
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Question Text
What is mandatory in the process of facilitated diffusion?
TopicTransport in Plants
SubjectBiology
ClassClass 11
Answer TypeText solution:1
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